बाबरी मस्जिद केस का फैसला: फैसला लखनऊ की एक विशेष अदालत ने सुनाया।
नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद विध्वंस की योजना नहीं थी, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक विशेष अदालत के न्यायाधीश ने आज कहा, भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर खड़े बाबरी मस्जिद के विध्वंस से जुड़े 28 साल पुराने मामले में फैसला सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सुनाया। श्री आडवाणी, 92, मुरली मनोहर जोशी, 86, उमा भारती और कल्याण सिंह अदालत में उपस्थित नहीं थे, लेकिन वीडियो लिंक के माध्यम से शामिल हुए।
यहां बड़े फैसले से शीर्ष 5 उद्धरण हैं:
1. बाबरी मस्जिद विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था
2. आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं
3. सीबीआई द्वारा प्रदान किए गए ऑडियो, वीडियो की प्रामाणिकता साबित नहीं कर सकते
4. असामाजिक तत्वों ने ढांचा गिराने की कोशिश की, आरोपी नेताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की
5. भाषण का ऑडियो स्पष्ट नहीं है









